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Sunday, November 11, 2018

#शिक्षण_दिन_भारत_रत्न_मौलाना_अबुल_कलाम_आज़ाद_जयंती

11 नोव्हेंब
एक महान् स्वतन्त्रता सेनानी तथा हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य) करने वाले राष्ट्रवादी नेता, समाजसुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ एवं देश के पहले शिक्षा मंत्री इमामुल हिंद भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की आज जयंती .

पूरा नाम   – मोहिउद्दीन अहमद खैरुद्दीन बख्क्त
जन्म        – 11 नव्हंबर 1888
जन्मस्थान  – मक्का.
पिता        – मौलाना खैरुद्दीन
माता        – आलियाबेगम
शिक्षा       – जादातर पढाई निवास पर पुरी 1903 में ‘दर्स. ए. निजामिया’ पारसी भाषा में उत्तींर्ण होकर ‘अलीम प्रमाणपत्र’
विवाह      – जुलेखा बेगम के साथ

पुरस्कार – Maulana Azad Awards : 1992 में भारत का सर्वोच्च नागरी सम्मान ‘भारतरत्न’.

मृत्यु – Maulana Abul Kalam Azad Death :  – 22 फरवरी 1958 को उनकी मौत हुयी.

मृत्युस्थल :दिल्ली,भारत

जीवन

क्रांतिकारी और पत्रकार के रूप में

आन्दोलन:
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

असहयोग आन्दोलन

आज़ादी के बाद

आलोचना

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

ग्रंथसंपत्ती – Maulana Azad Book

इंडिया विन्स फ्रीडम (आत्मचरित्र) दस्ताने करबला.
गुब्बा रे खातीर,
तजकिरह आदी.

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के वाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच काग्रेंस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।

वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों मे से एक था।

भारतरत्न मौलाना अबूलकलाम आझाद यांच्या यांच्या १२९ व्या जयंतीनिमित्त विनम्र अभिवादन..